याक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]याक ^१ संज्ञा पुं॰ [तिब्बती, ग्याक, सं॰ गावक] हिमालय पर होनेवाला जंगली बैल जिसकी पूँछ का चँवर बनता है ।
याक † ^२ वि॰ [हिं॰ एक, फा॰ यक] दे॰ 'एक' । उ॰—(क) कोऊ याकौ बात न समुझै चाहै बीसन दाँय कहन ।—प्रतापनारायण मिश्र (शब्द॰) । (ख) डाढ़ी नाक याक माँ मिलिगै, बिनु दाँतन मुँह अस पोपलान ।— प्रतापनारायण मिश्र (शब्द॰) ।