यायावर
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
यायावर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. अश्वमेध का घोड़ा ।
२. जरत्कारु मुनि ।
३. मुनियों के एक गण का नाम । जरत्कारु जी इसी गण में थे ।
४. एक स्थान पर न रहनेवाला साधु । सदा इधर उधर घूमता रहनेवाला संन्यासी ।
५. यांचा । याचना ।
६. वह ब्राह्मण जिसके यहाँ गार्हपत्य अग्नि बराबर रहती हो । साग्नि ब्राह्मण ।
यायावर ^२ वि॰ सदा इधर उधर घूमनेवाला । सदा यहाँ वहाँ यात्रा करनेवाला । घुमंतू । जिसका कोई नियत स्थान न हो [को॰] ।