यारी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

यारी संज्ञा स्त्री॰ [फा॰]

१. मैत्री । मित्रता । उ॰— यारि फेरि के आय पै जरति न मोरे अंग । रूप रोसनी पै झपै नेही नैन पतंग ।—रसनिधि (शब्द॰) ।

२. स्त्री और पुरुष का अनुचित प्रेम या संबंध । क्रि॰ प्र॰—गाँठना ।—जोड़ना ।