योगशास्त्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] पतंजलि ऋषि का बनाया हुआ योग- साधन पर एक बड़ा ग्रंथ जिसमें चित्तवृत्ति को रोकने के उपाय बतलाए गए हैं । यह छह दर्शनों में से एक दर्शन है । दे॰ 'योग' ।