रँगराता वि [सं॰ रड़्ग + रत] [वि॰ स्त्री॰ रँगराती] १. भोग विलास में लगा हुआ । ऐश आराम में मस्त । २. प्रेम- युक्त । अनुरागपूर्ण । उ॰—रँगराती रातै हियै प्रियतम लिखी बनाइ । पाती काती बिरह की छातो रही लगाइ ।—बिहारी (शब्द॰) ।