रक्तकुष्ठ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रक्तकुष्ठ संज्ञा पुं॰ [सं॰] विसर्प नामक रोग, जिसमें सारे शरीर में बहुत जलन होती है, कभी कभी सारा शरीर लाल रंग का हो जाता है और कुष्ठ की भाँति गलने भी लगता है ।