रक्ष

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रक्ष ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ रक्षः]

१. रक्षक । रखवाला । उ॰—तोरा फूल रक्ष रह तहाँ ।—सबल(शब्द॰) ।

२. रक्षा । हिफाजत रखवाली ।

३. लाख । लाह ।

४. छप्पय के साठवें भेद क ा नाम जिसमें ११ गुरू और १३० लघु मात्राएँ अथवा ११ गुरु और १२६ लघु मात्राएँ होती हैं ।

रक्ष ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ रक्षस्] राक्षस । उ॰—रक्ष यक्ष दानव देवन सों, अभय होहि सब जागा ।—रघुराज (शब्द॰) ।