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रत्नावली

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रत्नावली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. मणियों की श्रेणी या माला ।

२. एक रागिनी जा शास्त्रों में दीपक राग की पुत्रवधू कही गइ है ।

३. एक अर्थालंकार जिसमें प्रस्तुत अर्थ निकलने के अतिरिक्त ठीक क्रम से कुछ आर वस्तुसमूह के नाम भी निकलते हैं । जैसे—आदित सोम कहौ कबहूँ, कबहूँ कहौ मंगल औ बुध होते ।

४. एक प्रकार का हार । मोतियों का हार ।

५. श्राहर्ष रचित एक नाटिका ।