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रसवत्

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रसवत् ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ रसवती]

१. जिसमें रस हो । रसवाला ।

२. स्वादिष्ट (को॰) ।

३. क्लिन्न (को॰) ।

४. आकर्षण । मोहक । (को॰) ।

५. प्रेमभाव पूर्ण । प्रेमपूर्ण (को॰) ।

६. रसिक । परिहासक (को॰) ।

रसवत् ^२ संज्ञा पुं॰ वह काव्यालंकार जिसमे एक रस किसी दूसरे रस अथवा भाव का अंग होकर आवे । जैसे,— युद्ध में पड़े हुए वीर पति के लिये इस विलाप में— 'हाँ', यह वही हाथ है जो प्रेम से आलिंगन करना था । यहाँ श्रृंगार केवल करूण रस का अंग है ।