रसिक
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रसिक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ रसिका; हि,॰ स्त्री॰ रसिकिनी]
१. वह जो रस या स्वाद लेता हो । रस लेनेवाला ।
२. वह जिसे रस संबंधी बातों मं विशेष आनंद आता हो । काव्यमर्मज्ञ । सह्नदय ।
३. क्रिड़ा आदि का प्रेमी । आनंदी । रसिया । उ॰— सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि तुमरी लीला को कहै गाइ— सूर॰, १० । २२९८ ।
४. वह जो किसी विषय का अच्छा ज्ञाता हो । मर्मज्ञ ।
५. प्रेमी । भक्त । भावुक । सह्नदय ।
३. सारस पक्षी ।
७. घोडा़ ।
८. हाथी ।
९. एक प्रकार का छंद
रसिक ^२ वि॰
१. रस लेनेवाला । सह्वदय ।
२. आनंदी ।
३. प्रेमी ।
४. मर्मज्ञ [को॰] ।