रसीद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रसीद संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰ अं॰ रिसीट]
१. किसी चीज के पहुँचने य़ा प्राप्त होने की क्रिया । प्राप्ति । पहुँच । जैस । —पारसल भेजा है; उसकी रसीद की इत्तला दीजिएगा । मुहा॰— रसीद करना=(१) लगना । (थप्पड़, मुक्का आदि) । जड़ना । मारना । जैसे, —थप्पड़ रसीद करूँगा, सीधा हो जाएगा ।
२. प्रविष्ट करना । घुसेड़ना । (बाजारु) ।
२. वह जिसपर ब्योरेवार यह लिखा हो कि अमुक वस्तु या द्रव्य़ अमुक व्यक्ति से अमुक कार्य के लिये अमुक समय पर आया । किसी चीज के पहुँचने या मिलने के प्रमाण रूप में लिखा हुआ पत्र । प्राप्ति का प्रमाणापत्र । विशेष— प्रायः जब किसी को कोई चीज या धन ऋण के रूप में, ऋण चुकाने के लिये अथवा और किसी मामले के संबंध में दिया जाता है, तव पानेवाला एक प्रमाणपत्र लिखकर देनेवाले को देता है, जिसमें यदि पानेवाला कभी उस चीज या धन की प्राप्ति से इनकार करे, तो उसके विरुद्ध प्रमाण के रूप में वही रसीग उपस्थित की जाय । मुहा॰— रसीद काटना=किसी को रसीद लिखकर देना । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पाना ।—लिखना ।—लिखाना, आदि ।
३. पता । खबर । (क्व॰) । जैसे —तुम तो किसी बात की रसीद ही नहीं देते ।