रसेंद्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रसेंद्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ रसेन्द्र]

१. पारद । पारा ।

२. राजमाष । लोविया ।

३. एक प्रकार की रसौषध जो जीरा, धनियाँ, पीपल, शहद, त्रिकुट और रससिंदर के योग से बनती है ।

४. चिंता- मणि । स्पर्शमणि । पारस पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा सोने में परिवर्तित हो जाता है । यौ॰— रसेंद्रवेधज, रसेंद्रसंजात=दे॰ 'रर्सेद्रवेधक' ।