राई
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]राई ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ राजिका, प्रा॰ राईआ]
१. एक प्रकार की बहुत छोटी सरसों ।
२. बहुत थोड़ा मावा या परिमाण । मुहा॰—राई भर=बहुत थोड़ा । राई रत्ती करके=छोटी से छोटी रकम या तौल के हिसाब से । राई नोन उतारना=नजर लगे हुए बच्चे पर उतारा करके राई ओर नमक को आग में डालना, जिससे नजर के प्रभाव का दूर होना माना जाता है । राई ते पर्वत करना=थोड़ी बात को बहुत बढ़ा देना । उ॰—अविगति गति जानी न परै । राई ते पर्वत करि डारै राई मेरु करै ।— सूर (शब्द॰) । राई काई करना =टुकडे़ टुकडे़ कर डालना । राई काई होना =टुकड़े टुकडे़ होना । उ॰—अजुर्न ने ऐसे पवन बाण मारे कि बादल राई काई हो यों उड गए, जैसे रूई के पहल पवन के झोंक से ।—लल्लू (शब्द॰) । तेरी आँखों में राई नोन =ईश्वर करे, तेरी वुरी डोठ मुझे न लगे । राई से पर्वत करना =छोटी बात को बहुत बढ़ा देना । राई लीन उतारना =दे॰ राई नाई नीन उतारना । उ॰—(क) हिरण्याक्ष अरु हिरनकशिपु भट आदिक जेइ संहारयो । ताहि प्रेत बाधा वारन हित राई लोना उतारयो ।—रघुराज (शब्द॰) । (ख) कबहूँ अंग भूषण बनवावति राई लोन उतारि ।—सूर (शब्द॰) । (ग) यशुमति माय धाय उर लीन्हों राई लोन उतारो ।—सूर (शब्द॰) ।
राई पु † ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ राई] राजा होने का भाव । राजापन । राजसी ।
राई पु ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ राजा]
१. राजा ।
२. वह जो सबसे श्रेष्ठ हो । उ॰—सुनु मुनि राई, जग सुखदाई । कहि अब सोई, जेहि यश होई ।—केशव (शब्द॰) ।