सामग्री पर जाएँ

राजस

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

राजस ^१ वि॰ [सं॰] [स्त्री॰ राजसी] रजोगुण से उत्पन्न । राजे- गुणोद्भव । रजोगुणी । जैसे,— राजस यज्ञ, राजस दान, राजस बुद्धि आदि । विशोप दे॰ 'गुण' ।

राजस संज्ञा पुं॰

१. आवेश । क्रोध । उ॰— जो चाहै चटक न घटै मैलौ होइ न मित्त । राज राजसु न छुवाइयै नेक चीकनौ चित्त ।— बिहारी र॰, दो॰ ३९६ ।

२. मद । घमंड । गर्व ।