रामदास

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रामदास संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. हनुमान ।

२. एक प्रकार का धान ।

३. दक्षिण भारत के एक प्रसिद्ध महात्मा जो छत्रपति महाराज शिवाजी के गुरु थे और जिन्हें लोग स्वामी रामदास या समर्थ रामदास भी कहते हैं । विशेष—स्वामी रामदास का जन्म शक सं॰ १५३० की रामनवमी के दिन गोदावरी के तट पर जंबू नामक स्थान में एक ब्राह्मण के घर हुआ था । पहले इनका नाम नारायण था । ये बाल्यवस्था से ही बहुत रामभक्त थे । कहते हैं कि जब ये ८ वर्ष के थे, तब एक बार रामचंद्र जी ने इन्हें दर्शन देकर कहा था कि तुम म्लेच्छों का नाश करेक धर्म को दुर्दशा से बचाओं और उसे पुनः स्थापित करो । तभी से इनके मन में वैराग्य उत्पन्न हुआ जिसे दूर करने के लिये माता पिता ने इनका विवाह करना चाहा । पर ये विवाहमंडप से उठकर भाग गए और नासिक के पास की एक गुफा में जाकर तपस्या करने लगे । फिर बहुत दिनों तक इधर उधर तीर्थयात्रा करते रहे । उस समय तक दक्षिण भारत में इनकी साधुता की बहुत प्रसिद्ध हो चुकी थी जिसको सुनकर शिवाजी इनके दर्शन के लिये आए और तब से इनके परम भक्त हो गए । महाराज शिवाजी प्रायः सब कामों में इनसे परामर्श और आज्ञा ले लिया करते थे । कहते हैं, इन्होंनें अपने जीवन में अनेक विलक्षण चमत्कार दिखाए थे । इनकी मृत्यु शक सं॰ १६०३ के माघ मास में हुई थी । इनके उपदेशों और भजनों का दक्षिण भारत के अंचलों में अब तक बहुत अधिक प्रचार है ।