रिंद
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रिंद ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰]
१. वह व्यक्ति जो धर्म के विषय में बहुत स्वच्छंद और उदार विचार रखता हो । धार्मिक बंधनों को न माननेवाला पुरुष । उ॰—रिंदों में अगर जावैं तो मुश्किल है फिर आना ।—नजीर (शब्द॰) ।
२. मनमौजी आदमी । स्वच्छंद पुरुष ।
३. मद्यप । शराबी (को॰) ।
रिंद ^२ वि॰
१. मतवाला । मस्त । बेफिक्र । उ॰—(क) जिंद सरिस रन रिंद चलत हल चल फनिंद ध्रुव ।—गिरधर (शब्द॰) । (ख) बिंध्याचल पर बसहिं पुलिंदे । तहँ के नृप ते झगरहिं रिंदे ।—गिरधर (शब्द॰) ।
२. रसिया । रँगीला (को॰) ।