रिझाना क्रि॰ स॰ [सं॰ रञ्जन] १. किसी को अपने ऊपर प्रसन्न कर लेना । किसी को अपने ऊपर खुश करना । उ॰—सूरदास प्रभु विविध भाँति करि मन रिझयो हिर पी को ।—सूर (शब्द॰) । २. अपना प्रेमी बनाना । अनुरक्त करना । मोहित करना । लुभाना ।