रिव्यू
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रिव्यू संज्ञा स्त्री॰ [अं॰]
१. किसी नवीन प्रकाशित पुस्तक की परीक्षा कर उसके गुण दोषों को प्रकट करना । आलोचना । समालोचना । जैसे,—आपने अपने पत्र में अभी मेरी पुस्तक की रिव्यू नहीं की । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
२. वह लेख या निबंध जिसमें इस प्रकार किसी पुस्तक की आलोचना । की गई हो । समालोचना । जैसे,—'संदेश' में 'समाज' की जो रिव्यू निकली है वह सद्भावपूर्ण नहीं कही जा सकती ।
३. वे सामयिक पत्रपत्रिकाएँ जिनमें राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, वैज्ञानिक आदि विषय पर आलोचनात्मक लेखों का संग्रह रहने के साथ ही नवीन प्रकाशित पुस्तको ं की भी आलोचना रहती हो । जैसे—माडर्न रिव्यू, सैटरडे रिव्यू ।
४. किसी निर्णय या फैसले का पुनर्विचार । नजरसानी जैसे,—नोचे को अदालत का फैसला रिव्यू के लिये हाईकोर्ट भेजा गया है ।