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रिसाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रिसाना † ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ रिस + आना (प्रत्य॰)] क्रुद्ध होना । खफा होना । गुस्सा होना । उ॰—(क) और की ओर तकै जब प्यो तब त्यौरी चढ़ाइ चढ़ाइ रिसाति है । (ख) सखी सदन लाई जहँ रानी । मातु ताहि लखि बहुत रिसानो ।—विश्राम (शब्द॰) । संयो क्रि॰—जाना ।—उठना ।

रिसाना ^२ क्रि॰ स॰ किसी पर क्रुद्ध होना । बिगड़ना । उ॰—इनकी बात न जानति मैया मोका बारंबार रिसाति ।—सूर (शब्द॰) ।