रुक्मी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रुक्मी संज्ञा पुं॰ [सं॰ रुक्मिन्] विदर्भ देश के राजा भीष्मक का बड़ा पुत्र और रुक्मिणी का भाई । विशेष—जिस समय श्रीकृष्ण इसकी वहन रुक्मिणी को हर ले चले थे, उस समय इसके साथ उनका घोर युद्ध हुआ था ।

रुक्मी ने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मैं श्रीकृष्ण को मार न डालूँगा, तब तक घर न लौटूँगा । पर युद्ध में यह श्री कृष्ण से परास्त हो गया था; अतः लौटकर कुंडिननगर नहीं गया और विदर्भ में ही भोजकर नामक एक दूसरा नगर बसाकर रहने लगा था । उ॰— चल्यो रुक्मिनी बंधु रुक्म रथ चढ़ि भट रुक्मी । —गिरधर (शब्द॰) ।

रुक्मी ^२ वि॰

१. सोने के आभूषणों से युक्त ।

२. जिसपर सोने का पानी चढ़ा हुआ हो [को॰] ।