रुचक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रुचक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वास्तुविद्या के अनुसार ऐसा घर जिसके चारों ओर के अलिंद (चवूतरा या परिक्रमा) में से पूर्व और पश्चिम का सर्वथा नष्ट हो गया हो और दक्षिण का समूचा ज्यों का त्यों हो । इसका उत्तर का द्वार अशुभ और शेष द्वार शुभ माने गए हैं ।

२. वह खंभा जो गोल न हो, बल्कि चौकोर हौ ।

३. सज्जीखार ।

४. घोड़ों का गहना या साज ।

५. माला ।

६. काला नमक ।

७. मांगल्य द्रव्य ।

८. रोचना ।

९. बायविडंग ।

१०. नमक ।

११. बीजपूरक । विजौरा नीबू ।

१२. प्राचीन काल का सोने का निष्क नामक सिक्का ।

१३. दाँत ।

१४. कबूतर ।

१५. पुराणानुसार सुमेरु पर्वत के पास के एक पर्वत का नाम ।

१६. जैन हरिवंश के अनुसार हरिवर्ष के एक पर्वत का नाम ।

१७. दक्षिण दिशा ।

रुचक ^२ वि॰ स्वादिष्ट । जायकेदार ।

२. रुकनेवाला । रुचिकर (को॰) ।