रुज संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. भंग । भोग । २. वेदना । कष्ट । ३. क्षत । घाव । ४. प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा जिसपर चमड़ा मढ़ा होता था । ५. रोग । व्याधि (को॰) ।