रुद्ध

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रुद्ध वि॰ [सं॰]

१. जो किसी से घेरकर रोका गया हो । घेरा हुआ । रोका हुआ ।

२. वेष्टित । आवृत । उ॰— (क) तिमि सोहै यमुना की धारा । गंग प्रवाह रुद्ध परिचारा ।—स्वामी रामकृष्ण (शब्द॰) । (ख) रुद्ध सर्प से क्रुद्ध हिये मागर्ध विद्ध करि ।—गिरधर (शब्द॰) ।

३. जिसमें कोई चीज अड़ या फँस गई हो । मुँदा हुआ । बंद ।

४. जिसकी गति रोग ली गई हो । यौ॰—रुद्धकंठ=जसिका गला रुंध गया हो । जो प्रेम आदि मनोवेगों के कारण बोलने में असमर्थ हो । रुद्धसूत्र । रुद्धवक्त्र= ढके हुए मुखवाला । जिसने मुँह तोप रखा हो ।