रुद्राक्ष
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रुद्राक्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक प्रसिद्ध बड़ा वृक्ष जो नेपाल, बंगाल, आसाम और दक्षिण भारत में अधिकता से होता है । विशेष— इसके पत्ते सात आठ अंगुल लंबे दो तीन अंगलु चौड़े और किनारे पर कटावदार होते हैं । नए निकले हुए पत्तों पर एक प्रकार की मुलायम रोई होती है, जो पीछे झड़ जाती है । जाड़े के दिनों में यह फूलता और वसतं ऋतु में फलता है । इसके फल के अंदर पाँच खाने होते हैं और प्रत्येक खाने में एक एक छोटा कड़ा बीज रहता है ।
२. इस वृक्ष का वीज जो गोल और प्रायः छोटी मिर्च से लेकर आँवले तक के बरावर होता है । रुद्राछ । विशेष— इस वीज पर छोटे छोटे दाने उभरे होते हैं । प्रायः शैव लोग इनमें छेद करके मालाएँ बनाते और गले या हाथ में पहनते हैं । इसकी माला पहनने और उससे जप करने का बहुत अधिक माहात्म्य माना जाता है । कहते है, इन बीजों को कालो मिर्च के साय पीसकर पीने से शीतला का भय नहीं रहता । वैद्यक में इसे शीतल, वलकारी, ओजप्रद, कृमिनाशक और खाँसी तथा प्रसूति आदि में हितकारी माना है ।