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रुरु

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रुरु संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. काली हिरन । कस्तूरी मृग ।

२. एक दैत्य का नाम जिसे दुर्गा ने मारा था ।

३. पुराणानुसार एक प्रकार का बहुत ही क्रूर जंतु जिसे भारश्रृंग भई कहते हैं । विशेष—ऐसा प्रसिद्ध है, इस लोक में जो लोग हिंसा करते हैं, उन्हें हिंसित प्राणी, रुरु होकर, रौरव नरक में काटते हैं ।

४. एक प्रसिद्ध ऋषि जो प्रमत्ति के पुत्र और च्यवन के पौत्र थे । विशेष—कहते हैं, जब इनकी स्त्री प्रेमद्वरा का देहांत हो गया, तव इन्होंने उसे अपनी आधी आयु देकर जिलाया था ।

५. विश्वेदेवा के अंतर्गत देवताओं का एक गण ।

६. सावर्णि मनु के सप्तर्षियों में से एक का नाम ।

७. एक भैरव का नाम ।

८. एक फलदार वृक्ष का नाम ।

८. श्वान । कुत्ता [को॰] ।