रेखागणित

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रेखागणित संज्ञा पुं॰ [सं॰] गणित का वह विभाग जिसमें रेखाओं द्वारा कुछ सिद्धांत निर्धारित किए जाते हैं । देश संबंधी सिद्धांत स्थिर करनेवाला गणित । विशेष—इस शब्द का प्रयोग पहले पहल पंडितराज जगन्नाथ ने किया । उन्होंने 'इउक्लिड' के अरबी अनुवाद का महाराज जयसिंह की आज्ञा से संस्कृत में अनुवाद किया । पर वैदिक ऋषियों ने भी इस शास्त्र का आरंभ किया था । इसके प्रमाण 'शुल्व सूत्र' हैं, जिनमें यज्ञ की वेदियाँ बनाने के लिये नाना आकारों का विचार किया गया है । पीछे भास्कराचार्य की लीलावती बनी जो क्षेत्रमिति पर ही है । कुछ लोगों का कहना है कि प्राचीन आर्य क्षेत्रमिति (मेन्सुरेशन) तो जानते थे, पर रेखागणित नहीं जानते थे । पर यह कथन ठीक नहीं; क्योंकि मिस्र और यूनान में भी भूमि की माप के लिये ही रेखागणित का पहले पहल व्यवहार हुआ था ।