रेचन संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. दस्त लाना । कोष्ठशुद्धि करना । पेट से मल निकालना । २. वह औषध जो मल निकालकर कोठा साफ करे । जुल्लाब । विशेष—सुश्रुत ने छह प्रकार के रेचन द्रव्य कहे हैं—फल, मूल, छाल, तेल, रस और पेड़ों के दूध ।