रेणुका

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रेणुका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. बालू । रेत ।

२. रज । धूल ।

३. पृथ्वी । (डिं॰) ।

४. संभालू के बीज ।

५. सह्याद्रि पर्वत का एक तीर्थ ।

६. परशुराम की माता का नाम । विशेष—रेणुका विदर्भराज की कन्या और जमदग्नि की पत्नी थी । एक बार ये गंगास्नान करने गई । वहा राजा चित्ररथ को स्त्रियों के साथ जलक्रीड़ा करते हुए देख रेणुका के मन में कुछ विकार पैदा हुआ । पर वह तुरंत घर लौट आई । जमदग्नि को उनके मनोविकार का पता लग गया, इससे वे बहुत क्रुद्ध हुए और अपने पुत्रों से उनका पध करने को कहा । और कोई पुत्र तो मातृहत्या करने को राजी न हुआ; परशुराम ने पिता की आज्ञा से माता का वध किया । जमदग्नि ने परशु- राम पर अत्यंत प्रसन्न होकर वर माँगने को कहा । परशुराम ने पहला वर यही माँगा कि माता फिर से जीवित हो जायँ ।