रेफ
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
रेफ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. रकार का वह रूप जो अन्य अक्षर के पहले जाने पर उसके मस्तक पर रहता है । जैसे, सर्प, दर्प, हर्ष, आदि में ।
२. रकार र अक्षर ।
३. राग ।
४. शब्द ।
रेफ ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ रेफस्] कलंक । दोष । ऐब । रेप । मुहा॰—रेफ लगाना = दे॰ 'रेप लगाना' ।
रेफ ^३ वि॰ [सं॰] कुत्सित । अधम ।