रोज
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रोज पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ रोदन]
१. रोना धोना । रुदन ।
२. रोना पीटना । विलाप । स्यापा । उ॰—(क) रोज रोजनि के परै हँसी ससी की होय ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) जहाँ गरब तहँ पीरा, जहाँ हँसी तहँ रोज ।—जायसी । (शब्द॰) ।
रोज ^२ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ रोज] दिन । दिवस । जैसे,—उसे गए चार रोज हो गए ।
रोज ^३ अव्य॰ प्रतिदिन । नित्य । जैसे,—वह हमारे यहाँ रोज आता है ।