रोमन्थ

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रोमंथ संज्ञा पुं॰ [सं॰ रोमन्थ]

१. सींगवाले चौपायों का निगले हुए चारे को फिर से मुँह में लाकर धीरे धीरे चबाना । जुगाली । पागुर ।

२. लगातार दोहराना । अनवरत आवृत्ति (को॰) ।