रोमहर्षण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. रोयों का खड़ा होना जो आनंद के सहसा अनुभव से अथवा भय से होता है । २. वेदव्यास का शिष्य, सुत पौराणिक ।
रोमहर्षण ^२ वि॰ जिससे रोंगटे खड़े हों । भयंकर । भीषण । जैसे,— रोमहर्षण घटना ।