रोल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रोल पु ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ रवण, हिं॰ रोर]
१. रोर । हल्ला । कोलाहल ।
२. शब्द । ध्वनि । उ॰—आजु भोर तमचुर की रोल । गोकुल में आनंद होते हैं, मंगल धुनि महराने ढोल ।— सुर (शब्द॰) ।
रोल ^२ संज्ञा पुं॰ पानी का तोड़ । रेला । बहाव ।
रोल ^३ संज्ञा सं॰ [देश॰] रुखानी की तरह का एक औजार जिससे वर्तन की नक्काशीकी जमीन साफ की जाती है ।
रोल ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰] हरा अदरक ।
रोल ^५ संज्ञा पुं॰ [अं॰]
१. नाभों की तालिका या फेहरिस्त ।
२. नाटक या चलचित्र में अभिनेता की भूमिका । उ॰—पंतजी ने एक नए मसीहा का रोल भी अख्तियार किया ।—प्र॰ सा॰, पृ॰ ४९ ।
२. जीवन में किए जानेवाले विशेष्टताव्यंजक कार्य । जैसे,—पुत्र के चरित्रनिर्माण में माता का रोल महत्व- पूर्ण होता है ।