लक्ष्मणा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लक्ष्मणा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. मद्र देश के राजा बृहत्सेन की कन्या जो श्रीकृष्ण जी को ब्याही थी और उनकी आठ पटरानियों में से एक थी ।
२. दुर्योधन की बेटी का नाम । यह कृष्ण के पुत्र सांब की स्त्री थी ।
३. एक जड़ी । विशेष— यह पुत्रदा मानी जाती है । यह जड़ी पर्वतों पर मिलती है । इसके पत्ते चौड़े होते हैं और उनपर लाल चंदन की सी बूँदे होती हैं । इसका कंद सफेद होता है और वही ओषधि के काम में आता है । पर्या॰— पुत्रकंदा । पुत्रका । नागपत्री । जननी । नागिनी । नागाह्वा । मज्जिका । तुलिनी ।
४. श्वेत कंटकारी । सफेद भटकटैया (को॰) ।
५. सारस की मादा वा हंसी ।