लखना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लखना पु † क्रि॰ स॰ [सं॰ लक्ष]
१. लक्षण देखकर अनुमान कर लेना । समझ या जान लेना । ताड़ना । उ॰— (क) लखन लखेउ भा अनरथ आजू । यह सनेह बस करिहि अकाजू ।— तुलसी (शब्द॰) । (ख) लखै न रानि निकट दुख कैसे ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. देखना । उ॰— (क) लहाछेह अति गतिन की सबन लखे सब पास ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) चहियत किसोर लखि लोचन जुगुल अनेक ।—बिहारी (शब्द॰) ।