लखाना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लखाना पु † ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ लखना] दिखाई पड़ना । उ॰— मिलि चंदन वेंदी रही गोरे मुख न लखाय । ज्यौं ज्यौं मद लाली चढ़ै त्यौं त्यौ उघरति जाय ।—बिहारी (शब्द॰) ।
लखाना ^३ क्रि॰ स॰
१. दिखलाना ।
२. अनुमान करा देना । समझा देना । सुझा देना । उ॰— मेरोइ फोरिबे जोग कपार किधौं कछु काहू लखाइ दयो है ।—तुलसी (शब्द॰) ।