लग
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लग ^१ क्रि॰ वि॰ [हिं॰ लौं]
१. तक । पर्यंत । ताईं । उ॰— एक मुहूरत लग कर जोरी । नयन मूँदे श्रीपातहि निहोरी ।—रघु- राज (शब्द॰) ।
२. निकट । समीप । नजदीक । पास । उ॰— यहि भाँति दिगीश चले मग में । इस सोर सुन्यो अति ही लग में ।—गुमान (शब्द॰) ।
लग ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लिग्] लगन । लाग । प्रेम । उ॰— झाँकति है का झरोखा लगी लग लागिबे की इहाँ झेल नहीं फिर ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
लग ^३ अव्य॰
१. वास्ते । लिये । उ॰— भृगुपति जीति परसु तुम पायो । ता लग हौं लंकेश पठायो । हृदयराम (शब्द॰) ।
२. साथ । संग । उ॰— लगलगो बातनि अलग लग लगी आवै लोगनि की लंग ज्यों लुगाइन की लाग री ।—देव (शब्द॰) ।