लगन
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लगन ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लगना]
१. किसी ओर ध्यान लगने की क्रिया । प्रवृत्ति का किसी एक ओर लगना । लौ । जैसे,—आज कल तो आपको बस कलकत्ते जाने की लगन लगी है । क्रि॰ प्र॰—लगना ।—लगाना ।
२. प्रेम । स्नेह । मुहब्बत । प्यार । क्रि॰ प्र॰—लगना ।—लगाना ।
३. लगने की क्रिया या भाव । लगाव । संबंध ।
लगन ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ लग्न]
१. विवाह के लिये स्थिर किया हुआ कोई शुभ मुहुर्त । ब्याह का मुहुर्त या साइत ।
२. वे दिन जिनमें विवाह आदि होते हों । सहालगठ ।
३. दे॰ 'लग्न' । मुहा॰— लगन धरना=विवाह की तिथि निश्चित करना ।
लगन ^३ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰]
१. ताँबे, पीतल आदि की थाली जिसमें रखकर मोमबत्ती जलाई जाती है ।
२. कोई बड़ी थाली जिसमें आटा गूँधते या मिठाई आदि रखते हैं ।
३. मुसलमानों की एक रीति जिसमें विवाह से पहले थालियों में मिठाइयाँ आदि भरकर वर के लिये भेजी जाती हैं ।
लगन पु † संज्ञा पुं॰ [?] एक प्रकार का मृग । दे॰ 'लगना' ।