लगना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लगना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ लग्न]
१. दो पदार्थों का तल आपस में मिलना । एक चीज की सतह पर दूसरी चीज की सतह का होना । सटना । जैसे,—टेबुल पर कपड़ा लगना, तसवीर पर शीशा लगना, दीवार पर इश्तहार लगना । उ॰— मिट्टी में सनी हुई बदहवास एक पत्थर से लगी हुई थी ।—देवकीनंदन (शब्द॰) ।
२. एक पदार्थ का दूसरे पदार्थ में संलग्न होना । मिलना । जुड़ना । जैसे,— तसवीर में चौखटा लगना, अलमारी में शीशा लगना, किसी के गले लगना । उ॰— लागात है जाय कठ नाग दिगपालन के मेरे जान सोई कृत कीरात तिहारी है— केशव (शब्द॰) ।
३. किसी पदार्थ के तल पर पड़ना । जैसे,—पैर में कीचड़ लगना, कपड़े में मिट्टी लगना, कागज में दाग लगना ।
४. एक चीज का दूसरी चीज पर सीना, जड़ा टाँका या चिपकाया जाना ।जैसे,—चादर में बेल लगना, धोती में फीता लगना, कोट में बटन लगना । उ॰— (क) जटित जराय की जँझीर बीच नीलमणि लगि रहे लोगनि के नेन मानो मनहर ।—केशव (शब्द॰) । (ख) सिर पर फौलादी टोपी जिसमें एक हुमा के पर की लांबी कलगी लगी हुई थी ।— देवकीनंदन (शब्द॰) ।
५. संमिलित होना । शामिल होना । मिलना । जैसे,—पुस्तक में परिशिष्ट लगना, रजिस्टर में पन्ने लगना ।
६. उत्पन्न होना । जमना । उगना । जैसे,—(क) यह गुलाब इस जमीन में न लगेगा । (ख) इस पेड़ में खूब आम लगे है ।
७. छोर या प्रांत आदि पर पहुँचकर टिकना या रूकना । ठिकाने पर पहुँचना । जैसे,—किनार पर नाव लगना, दरवाजे पर गाड़ी या बरात लगना ।
८. क्रम से रखा या सजाया जाना । सिलसिले से रखा जाना । जैसे,—अलमारी में किताबें लगना, दूकान पर माल लगना, बरात लगना, हाट लगना, नुमाइश लगना ।
९. व्यय होना । खर्च होना । जैसे,—(क) ब्याह में दस हजार रूपए लगे । (ख) उसे दौड़ने दो, तुम्हारा क्या लगता है ।
१०. जान पड़ना । मालूम होना । अनुभव होना । जैसे,—डर लगना, मोह लगना, पेशाब लगना, अच्छा लगना, बुरा लगना, जाड़ा लगना, गरमी लगना । उ॰— चंद्रकांता के विरह में मोरों की आवाज तीर सी लगती है ।—देवकीनंदन (शब्द॰) ।
११. स्थापित होना । कायम होना । जैसे,—मकान में कल लगना, छत के नीचे खंभा लगना ।
१२. संबंध या रिश्ते में कुछ होना ।जैसे,— वह हमारा भाई लगता है । उ॰— दशरथ आपके कौन लगते हैं और आप दशरथ के कौन लगते हो । —वाल्मीकीय रामायण (शब्द॰) ।
१३. आघ/?/ पड़ना । चोट पहुँचना । —जैसे,—लाठी लगना, थप्प/?/ लगना, तलवार लगना । उ॰— धौल का लगना था ।/?/ वह पत्थर का आदमी उठ बैठा । —देवकीनंदन (शब्द॰)/?/
१४. टक्कर खाना । टकराना । जैसे,— जरा सा ढकेल/?/ ही उसका सिर दीवार से जा लगा ।
१५. किसी चीज/?/ के ऊपर लेप किया जाना । पोता जाना । मला जाना । जैसे,— लकड़ी पर वारनिश लगना, फोड़े पर दवा लगना, पान ।/?/ कत्था लगना, सिर में तेल लगना ।
१६. किसी पदार्थ का कि/?/ प्रकार की जलन या चुनचुनाहट आदि उत्पन्न करना । जैसे,— (क) यह सूरत बहुत लगता है । (ख) यह दवा पहले तो वु/?/ लगेगी, पर फिर ठंढक डाल देगी ।
१७. खाद्य पदार्थ का/?/ के समय जल आदि के अभाव या आँच की अधिकता के कार/?/ बरतन के तल में जम जाना । जैसे,—खिचडी में पानी छो/?/ नहीं तो लग जायगी ।
१८. किसी प्रकार की प्रवृत्ति आदि/?/ आरंभ होना । जैसे,—चाट लगना, चसका लगना ।
१९. आरंभ होना । शुरु होना । जैसे,—(क) अब तो ग्रहण/?/ गया है । (ख) कल से चैत लगेगा । (ग) उनकी नौकरी/?/ गई है ।
२०. उपयोग में आना । काम में आना । जैसे,—(क) जितना मसाला आया था, वह सब एक ही मकान में लग गय/?/ (ख) तुम्हारी चारो साड़ियाँ लग गई ।
२१. काम के/?/ आवश्यक होना । जरूरी होना । जैसे,— (क) इस महीने/?/ हमें चार गाड़ी भूसा लगेगा । (ख) अब तो उन्हें भी च/?/ लगता है । (ग) रजिस्टरी में दो आने का टिकट लगता/?/ (घ) तुम्हें जो जो चीजें लगे, सब मुझसे माँग लेना ।/?/ जारी होना । चलना । जैसे, (क) आजकल दोनों में/?/ लड़ाई लगी है । (ख) अब तो तुम्हारा ही काम लगा है,/?/ चार दिन में पूरा हो जायगा । (ग) दो चार दिन में /?/ लगेगा ।
२३. एक चीज का दूसरी चीज के साथ रगड़ खान/?/ जैसे,—चलने में घोड़े के पैर लगना, गाड़ी का पहिया लगना/?/
२४. सड़ना । गलना । जैसे,—(क) यह आम लग गया/?/ (ख) इस बैल का कंधा लग गया है ।
२५. किसी ऐसे कार्य/?/ आरंभ होना जिसमें बहुत से लोगों के एकत्र होने की आव/?/ कता हो । जैसे,—महाफल लगना, मेला लगना ।
२६. प्र/?/ पड़ना । असर होना । जैसे,—(क) परदेस में हमें पानी/?/ जल्दी लगता है । (ख) कड़ाही में आँच लग रही है । (ग)/?/ डाक्टरी दवा नहीं लगती । (घ) तुम्हें उसी का शाप लगा/?/ (च) सुरती बहुत तेज थी; लग गई है । मुहा॰—लगती बात कहना=ऐसी पते की बात कहना कि /?/ वाला मन मसोसकर रह जाय । मर्मभेदी बात कह/?/ चुटकी लेना ।
२७. दातव्य नियत होना । देना । निश्चित होना । जैसे/?/ टैक्स लगना, व्याज लगना, किराया लगना ।/?/ आरोप होना । जैसे,—दफा लगना, हत्या ल/?/ पाप लगना ।
२९. प्रज्वलति होना । जलना । जैसे/? / आग लगना, दीया लगना । उ॰— औचक ही कर माँझ साँझ ही अगिनि लगी बड़ी अनुरागी रहि गई सोऊ डारिए । —प्रियादास (शब्द॰) ।
३०. काम में आने योग्य होना । ठीक बैठना । उपयुक्त होना । जैसे,—यह ताली इस ताले में लग जाती है ।
३१. हिसाब होना । गणित होना । जैसे,—पुरजा लगना, जोड़ लगना ।
३२. पीछे पीछे चलना । साथ होना । शामिल होना । जैसे— (क) बाजार में पहुँचते ही दलाल लगते हैं । (ख) तुम्हारे साथ भी सदा एक न एक आदमी लगा रहता है । उ॰— लगे वाके पाछे काछे काछ की न सुधि कछू गई घर आछे रहे द्वार तनु छोजिए । —प्रियादास (शब्द॰) । मुहा॰—लग चलना=किसी के साथ या पीछे हो लेना । जैसे,— जहाँ तुमने कोई मालदार असामी देखा, वहाँ तुम उसके पीछे लग चले ।
३३. संबद्ध होना । चिमटना । जैसे,— रोग लगना ।
३४. किसी कार्य में प्रवृत्त या तत्पर होना । जैसे, —(क) तुम्हें इन सब झगड़ों से क्या मतलब; तुम अपने काम में लगो । (ख) वह सवेरे से लिखने में लगा है ।
३५. स्पर्श करना । छूना । उ॰— कृपा करी निज धाम पठायो अपनी रूप दिखाय । वाके आश्रम जोऊ बसत है माया लगत न ताय । — सूर (शब्द॰) ।
३६. गौ, भैंस, बकरी आदि दूध देनेवाले पशुओं का दूहा जाना । जैसे,—यह भैंस दिन में तीन बार लगती है ।
३७. गड़ना । चुभना । घँसना ।उ॰—इह काँटे मो पाय लगि लोन्हीं मरति जिवाय । प्रीति जनावति भीति सों मीत जु काढ्यो आय । —बिहारी (शब्द॰) ।
३८. बदले में जाना । मुजरा होना । जैसे,—उनके दोनों मकान कर्ज में लग गए ।
३९. समीप पहुँचना । पास जाना । छूना । जैसे,—पैरों लगना । उ॰— (क) उठहिं तुरंग लोहिं नहिं वागा । जानी उलट गगन कहँ लागा । —जायसी (शब्द॰) । (ख) वितचोरन चितचोर मैं व्यौरी इतनी आइ । इन्हैं पाय कै मारिए, उनके लागयै पाय । —(शब्द॰) ।
४०. छेड़खानी करना । छेड़छाड़ करना । जैसे,—ऐस आदमिंयों से मत लगा करो । उ॰—औरत सो करि रहे अचगरी मोसों लगत कन्हाई । —सूर (शब्द॰) ।
४१. बंद होना । मुँदना । जैसे, किवाड़ लगना । उ॰— अर्जुन के मंदिर पगु धारा । देखे लगे कपाट दुआरा । —सवल (शब्द॰) ।
४२. जूए की बाजी पर रखा जाना । दाँव पर रखा जाना । बदना । जैसे,—(क) पाँच रूपए इस दाँव पर लगे हैं । (ख) अच्छा, इसी बात पर शर्त लगी ।
४३. अंकित होना । चिह्नित होना । जैसे,—तिलक लगना, निशान लगना, मोहर लगना, ठप्पा लगना ।
४४. धारदार चीज की धार का तेज किया जाना । जैसे,—उस्तरा लगना, कैंची लगना ।
४५. घात में रहना । ताक में रहना । जैसे,—(क) उस रास्ते में संध्या के बाद डाकू लगते हैं । (ख) इस जंगल में शेर लगते हैं ।
४६. किसी स्थान पर एकत्र होना । जैसे,— (क) इस घाट पर मछलियाँ लगती हैं ।(ख) बाग में मच्छड़ लगते हैं ।
४७. दाम आँका जाना । जैसे,—बाजार में घड़ी का दाम २०)लगा है ।
४८. किसी चीज का, विशेषतः खाने की चीज का, अभ्यस्त होना । परचना । सधना । जैसे,—लड़का रोटी पर लग गया है ।
४९. अपने नियत स्थान या कार्य आदि पर पहुँचना । जैसे,—पारसल लगना, रजिस्टरी लगना ।
५०. फैलना । विछना । जैसे,—विछौना लगना, जाल लगना ।
५१. संभोग करना । मैथुन करना । स्त्रीप्रसंग करना । (बाजारू) ।
५२. होना । जैसे,—(क) अभी हमें यहाँ देर लगेगी । (ख) वहाँ से हट जाओ; नहीं तो तुम्हारा ही नाम लगेगा । (ग) वह गाँव यहाँ से चार कोस लगता है । (घ) अबकी अमावस की ग्रहण लगेगा । (च) यहाँ तो किताबों का ढेर लगा है ।
५३. जहाज का छीछले पानी में अथवा किनारे की जमीन पर चढ़ जाना । (लश॰) ।
५४. एक जहाज का दूसरे जहाज के सामने या बराबर आना । (लश॰) ।
५५. पाल का खींचकर चढ़ाया जाना (लश॰) । विशेष— (क) भिन्न भिन्न शब्दों के साथ यह क्रिया लगकर भिन्न भिन्न अर्थ हेती है । जैसे,— नींद लगना, दाँत लगना, बात लगना, समाधि लगना, नैवेद्य लगना, आदि । इस प्रकार के बहुत से अर्थों में से अधिकांश की गणना मुहावरों में होनी चाहिए । (ख) इस क्रिया के अलग अलग अर्थों में जाना, पड़ना आदि अलग अलग संयोजक क्रियाएँ लगती है ।
लगना ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का जंगली मृग ।उ॰— हरिन रोझ लगना बन बसे । चीतर गोइन झाँख औ ससे ।—जायसी (शब्द॰) ।