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लज

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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लज पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लजा] शर्म । हया । लाज । उ॰—सुघ र सौति बस पिय सुनन दुलहिनि दुगुन हुलास । लखी सखी तत दीठि करि सगरब सलज स हास ।—बिहारी (शब्द॰) । विशेष—'लज्जा' शब्द का 'लज' रूप समस्त पदों में ही पाया जाता है । जैसे,—लजवंती नारी ।