लजाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लजाना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ √लज्जा] अपने किसी बुरे या भद्दे व्यव- हार का ध्यान करके वृत्तियों के संकोच का अनुभव होना । शर्म में पड़ना । उ॰—कंप किसोरी दरस ते खरे लजाने लाल ।— बिहारी (शब्द॰) । संयो॰ क्रि॰—जाना ।

लजाना ^२ क्रि॰ स॰ लज्जित करना । लजवाना ।