लत्ता
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लत्ता संज्ञा पुं॰ [सं॰ लत्तक]
१. फटा पुराना कपड़ा । चीथढ़ा ।
२. कपड़े का टुकड़ा । वस्त्र खंड ।
३. कपड़ा । वस्त्र । उ॰— तन पर लत्ता नाहिं खसम ओढ़ाती सोई । —पलटू॰, भा॰ २, पृ॰ ७६ । यौ॰ —कपड़ा लत्ता=पहनने का वस्त्र । मुहा॰—लत्ते लेना=आड़े हात लेना । व्यग्य द्वारा उपहास करना । वनाना । लत्ते उड़ाना=धजियाँ उड़ाना । बकिया उधेड़ना । पोल खोलना । उ॰— भली भाति निर्णय किया और उसके भली प्रकार लत्ते उड़ाए हैं । कबीर मं॰, पृ॰ ३८१ ।