लपट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लपट ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लोक, हिं॰ लौ+पट (=विस्तार)]

१. आग के दहकने से उठा हुआ जलती वायु का स्तूप । अग्नि- शिखा । ज्वाला । आग की लौ । उ॰— इंद्रजाल कदर्प को कहै कहा मतिराम । आगि लपट वर्षा करै ताप घरै घनस्याम । — मैंतराम (शब्द॰) ।

२. तपी हुई वायु । हवा म फली हुइ गरमी । आँच । क्रि॰ प्र॰—आना । लगना ।

३. किसी प्रकार का गंध से भरा हुआ वायु का झोका । जैसे,— क्या अच्छी गुलाब की लपट आ रही है ।

४. गंध । महक । झझंक । बू । उ॰— सूरदास प्रभू को बानक देखे गोपा टारे न टरत निपट आवै सोंधें की लपट ।—सूर (शब्द॰) ।

लपट † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लिपटना ] दे॰ 'लिपट' ।