ललना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ललना संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. स्त्री । कामिनी ।
२. जिह्वा । जीभ ।
४. एक वर्णवुत्त जिसके प्रत्येक चरण में भगण, मगण और दो सगण होते हैं । उ॰—डारत ही सोए सुथरे पलना । चारिउ भैया री सुघरी ललना ।—छंदःप्रभाकर (शब्द॰) ।
४. विला- सिनी यो कामुक औरत । स्वैरिणी (को॰) । यौ॰—ललनाप्रिय=(१) औ तौ को प्रिय । जो स्त्रियों को प्रिय हो । (२) स्वादु । स्वादिष्ट । ललनावरूथी=औरतो से घिरा हुआ । महिलाओं से आवृत ।
ललना † ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ नलिनी] वाँस को नली ।