लवा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लवा ^१ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ लाजा] अनाज का दाना जो भूनने से फूल गया हो । भुने हुए धान या ज्वार की खोल । लावा । उ॰— मिलि माधवा आदिक फूल के व्याज विनोद लवा वरसायो करें । द्रिजदेब (शब्द॰) ।

लवा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ लब] तीतर की जाति का एक पक्षी जो तीतर से बहुत छीटा होता है । उ॰—बाज झपट जनु लबा लुका— ने ।—तुलसौ (शब्द॰) । विशेष—यह तीतर की तरह जमीन पर अधिक रहता है । पँजे बहुत लबे होते है । नर और मादा में देखने में कोई भेद नहीं होता । मादा भूरे रंग के अड़े देती है । जाड़े के दिनों में इस चिड़िया के झुंड के झुंड झाड़ियों और जमीन पर दिखाई पड़ते हैं। यह दाने और कीड़े खाता है ।