लसना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लसना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ लसन] एक वस्तु को दूसरी वस्तु के साथ इस प्रकार सटाना कि वह अलग न हो । चिपकाना । जैसे,— इस कागज के किताब पर लस दो । संयो॰ क्रि॰—देना ।
लसना पु ^२ क्रि॰ अ॰
१. शोभित होना । छजना । फबना ।
२. विराजना । विद्यमान होना । उ॰—(क) लसत चारु कपोल दुहुँ विच सजल लोचन चारु ।—सूर (शव्द॰) (ख) तहँ राजत दसरथ लसें देव देव अनुप ।—केशव (शब्द॰) ।