लहना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लहना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ लभम, प्रा॰ लहन] प्राप्त करना । लाभ करना । पाना । उ॰—नाचत ही निसि दिवस मरचो, पै नहि सुख कबहूँ लह्मो ।—सूर (शब्द॰) ।
लहना ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ लवन]
१. काटना । छेदना ।
२. खेत की फसल काटना ।
३. छीलना । तराश करना । कतरना ।
लहना ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ लभन, प्रा॰ लहन]
१. किसी को दिया हुआ धन जो वसूल करना हो । उधर दिया हुआ रुपया पैसा । जैसे,—हमारा सब लहना साफ कर दो । उ॰—लहना देना विधि सौ लिखैं । बैठे हाट सराफी सिखै ।—अर्ध॰, पृ॰ ६ । यौ॰—लहना देना = प्राप्य एवं देय धन द्रव्य आदि । लहना पटवना = उधार चुकाने की क्रिया । मुहा॰—लहना चुकाना, पटाना या साफ करना = किसी से लिया हुआ कर्ज अदा करना । लिया हुआ ऋण दे देना ।
२. वह धन जो किसी काम के बदले में किसी से मिलनेवाला हो । रुपया पैसा जो किसी कारण किसी से मिलनेवाला हो ।
३. भाग्य । किस्मत । जैसे,—जिसके लहने का होगा, उसे मिलेगा ।
लहना बही संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लहना + बही] वह बही जिसमें ऋण लेनेवालों के नाम और रकमें लिखी जाती हैं, और जिसके अनुसार वसूली होती है ।