लहराना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लहराना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ लहर + आना (प्रत्य॰)]

१. हवा के झोंके से इधर उधर हिलना डोलना । प्रकंपित होना । लहरें खाना । जैसे,—खेत लहराना, या खेतों में धान लहराना, लता लहराना बाल लहराना, पताका लहराना । उ॰—(क) आतप पर्यी प्रभात ताहि सो खिल्यो कमलमुख । अलक भौंर लहराध जूय मिलि करत विविध सुख ।—व्यास (शव्द॰) । (ख) मनु प्रगट मनोरथ की लता ललकि ललकि लहराति है ।—गोपाल (शव्द॰) ।

२. हवा का चलना या पानी का हवा के झोंके से उठना और गिरना । बहना या हिलोर मारना ।

३. सीधे न चलकर साँप की तरह इधर उधर मड़ते या झोंका खाते हुए चलना । जैसे,—यह लकीर लहराती हुई गई है ।

४. मन का उमंग में होना । उल्लास में होना । जैसे,—यह सुनकर उनका मन लहरा उठा ।

५. किसी वस्तु के लिये उत्कंठित होना । प्राप्त करने की इच्छा से अधीर होना । लपकना । जैसे,—उसके लिये वह लहरा उठा ।

६. आग की लपट का निकलकर इधर उधर हिलना । दहकना । भड़कना । उ॰—श्रीषति सुकवि यो वियोगी कहरन लागे, मदन की आगि लहरान लागो तन में ।—श्रीपति (शब्द॰) ।

७. शोभित होना । लसना । विराजना । शोभा- पूर्वक रहना । उ॰—(क) कहै पद्माकर अहरीन की अवाई पर साहब सवाई की ललाई लहराति है ।—पद्माकर (शब्द॰) । (ख) त्यगि भय भाव चहूँ घूमत अनंद भरे विपिन बिहारी पर सुखसाज लहरत ।—(शब्द॰) ।

लहराना ^२ क्रि॰ स॰

१. हवा के झोंके में इधर उधर हिलाना या हिलने डोलने के लिये छोड़ देना । जैसे,—सिर के बाल लहराना ।

२. सीधे न चलाकर साँप की तरह इधर उधर मोड़ते हुए चलाना । बक्र गति से ले जाना ।

३. बार बार इधर से उधर हिलाना डुलाना । उ॰—सूरदास प्रभु सोइ कन्हैया लहरावति मल्हरावति है ।—सूर (शब्द॰) ।