लहलहाना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लहलहाना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ लहरना (पत्तियों का)]
१. लहरानेवाली हरी पत्तियों से भरना । हरा भरा होना । फूल पत्तों से सरस और सजीव दिखाई देना । जैसे,—चारो ओर लहलहाते खेत चले गए हैं । संयो॰ क्रि॰—उठना ।—जाना ।
२. प्रकुल्ल होना । आनंद से पूर्ण होना । खुशी से भरना । जैसे,— इतना सुनते ही वे लहलहा उठे ।
३. टेढ़ी मेढ़ी रेखाओं के रूप में होना । रह रहकर दीप्त या व्यक्त होना । उ॰—तहाँ कहति है ब्रजभाभिनी । लहलहाति जनु नव दामिनी ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३२१ ।
४. सूखे पेड़ या पौधे में फिर से पत्तियाँ निकलना । पनपना । जैसे,—चार ही दिन पानी पाने से यह पौधा लहलहा- उठा ।
४. दुर्बल शरीर का फिर से हृष्ट और सजीव होना । शरीर पनपना । संयों॰ क्रि॰—उठना ।