लाला
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लाला संज्ञा पुं॰ [सं॰ ललना ।हिं॰ 'लाल' का रूप] [स्त्री॰ लली]
१. प्यारा या दुलारा लड़का ।
२. लड़का । कुमार ।
४. लडके या कुमार के लिये प्यार का शब्द ।
४. नायक या पति के लिये प्यार का शब्द । प्रिय नायक या पति । उ॰—नैन नचाइ कह्मौ मुसुकाइ लला फिर आइवी खेलन होरी ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
लाला ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ लालक]
१. एक प्रकार का संबोधन जिसका व्यवहार किसी का नाम लेते समय उसके प्रति आदर दिखलाने के लिये किया जाता है । महाशय । साहब । जैसे,—लाला गुरदयाल आज यहाँ आनेवाले हैं । विशेष—इस शब्द का व्यवहार प्रायः पश्चिम में खत्रियों, और बनियों सुनार स्वर्णकार आदि के लिये अधिकता से होता है । मुहा॰—लाला भइया करना = किसी को आदरपूर्वक संबोधन करना । इज्जत के साथ बातचीत करना ।
२. कायस्थ जाति या कायस्थों का सूचक एक शब्द । यौ॰—लाला भाई = कायस्थ ।
३. छोटे प्रिय बच्चे के लिये संबोधन । प्रिय व्यक्ति, विशेषतः बालक । उ॰—आनँद की निधि मुख लाला को, ताहि निरखि निसिवासर सो तो छबि क्योंहूँ न जाति बखानी ।—सूर (शब्द॰) ।
लाला ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] मुँह से निकलनेवाली लार । थूक ।
लाला ^३ संज्ञा पुं॰ [फा़॰] पोस्ते का लाल रंग का फूल जिसमें प्राय: काली खसखस पैदा होती है । गुले लाला । उ॰—कोऊ कहै गुल लाला गुलाल की कोऊ कहै रँग रोरी के आब की ।—द्रिज (शब्द॰) ।
लाला ^५ संज्ञा पुं॰ [सं॰ लाला या लालायित]
१. दे॰ 'लाले' ।
२. संकट । आफत ।